Monday, July 29, 2019

वीर तुम बढ़े चलो


वीर तुम बढ़े चलो

   कठिन शब्द      अर्थ

 १ . ध्वजा    -     झंडा

 २ . वीर     -     बहादुर

 ३ . प्रण     -     प्रतिज्ञा

 ४ . वारि    -    पानी

 ५ . धीरज   -    हिम्मत

 ६ . प्रात:    -    सुबह , सवेरा , भोर

 ७ . यतन    -   कोशिश , प्रयत्‍न

 ८ . डटो     -   खड़े रहो

Ø  प्रश्‍नों के उत्तर एक वाक्य में लिखिए -
 
प्रश्‍न १. कवि ने किनका दल सजाने के लिए कहा है ?
उत्तर. कवि ने बालकों का दल सजाने के लिए कहा है।

प्रश्‍न २. कविता में किसके दहाड़ने की बात की गई है ?
उत्तर- कविता में सिंह के दहाड़ने की बात की गई है।

  प्रश्‍न ३.कवि ने कब निडर होकर डटने की बात की है ?
उत्तर- कवि ने, जब हमारे सामने पहाड़ जैसा संकट हो और सिंह जैसे ताकतवर जानवर हो तब हमें निडर होकर डटने की बात की है।

४) भूमि में क्या-क्या भरा है ?
उत्तर- भूमि में अन्न,जल,रत्न भरे है जिन्हें प्रयत्नों के द्वारा निकाला जा सकता है।

५) अशोक चक्र में कितनी तीलियाँ है ?
उत्तर- अशोक चक्र में चौबीस तीलियाँ है।

रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए |

१.  हमारे ध्वज में तीन रंग हैं। ( तीन, आठ )

२.  इस कविता में दल बच्चों का हैं। ( बुज़ुर्गों, बच्चों )

३.  सामने पहाड़ हो, सिंह की दहाड़ हो। ( ज़ोर की, सिंह की )

४ .वीर तुम बढ़े चलो कविता के कवि द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी
है। ( महादेवी वर्मा , द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी )

     ५      . रत्न पाने के लिए हमें प्रयत्न करना पड़ता है
    ( आलस, प्रयत्न ) 


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